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Kon hai Nikhat Zareen? Nikhat Zareen Biography. Nikhat Zareen Religion.

 Kon hai Nikhat Zareen? Nikhat Zareen Biography. Nikhat Zareen Religion.



Nikhat Zareen Biography in Hindi:


नमस्कार दोस्तोंआज के इस लेख में हम भारतीय(Indian) मुक्केबाज निखत जरीन के जीवन से जुडी बातों के बारे में जानेगे। निखतके पिता भी क्रिकेटर रह चुके हैं।और आपलोगों में से बहुत से लोगो को ये बात पता भी नहीं होगालेकिन आज हम जानेंगे कि निखत नेअपने करियर में निखार लाने के लिए कितनी मेहनत की है। मैरी कॉम को तो शायद आज लगभग सभी लोग जानते होंगे। लेकिन क्याआप निखत के बारे में जानते हैं। अगर नहीं जानते हैं तो इस लेख में इनके जीवन करियर आदि से जुडी कई जानकारी दी जा रही है।निखत जरीन का बॉक्सिंग जीवन का सफरउम्रवजनशिक्षापरिवारमाता-पिताबॉयफ्रेंडइनकी उपलब्धियाँप्राप्त सम्मान एवंअवार्ड्सजाती से जुडी जानकारी इस लेख में दी जा रही है।


निखत जरीन जीवन परिचय (Nikhat Zareen Biography in Hindi)


पूरा नाम - निखत ज़रीन


पेशा - भारतीय मुक्केबाज


टीम - भारतीय


वजन वर्ग - फ्लाईवेट


जन्मतिथि - 14 जून 1996


जन्मस्थान - निजामाबादतेलंगाना


गृहनगर - निजामाबाद


राष्ट्रीयता - भारतीय


उम्र - 25 साल 2022 के अनुसार


वजन - 52 kg


लम्बाई - 5 फिट 7 इंच


आँखों का रंग - काला


बालों का रंग - काला


धर्म - इस्लाम


स्कूल - निर्मला हृदय गर्ल स्कूलनिजामाबाद


कॉलेज - एवी कॉलेज हैदराबादतेलंगाना


शैक्षिक योग्यता - कला(BA) में स्नातक पास


Who is Nikhat Zareen (निखत जरीन कौन हैं)



निखत जरीन एक भारतीय शौकिया बॉक्सर हैं। इनको मुक्केबाजी में बहुत ही रूचि है। निखत ज़रीन ने बचपन से ही मुक्केबाजी सीखनाऔर इसके बारे में जानना शुरू कर दिया था। साल 2011 में इन्होने अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी एसोसिएशन (शौकियामहिला युवा एवंजूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल प्राप्त किया था। बॉक्सिंग के साथ ही वो स्पोर्ट्स कोटा से बैंक ऑफ़ इंडिया की बैंक कार्यकर्ताभी हैं। इन्होने अपने मुक्केबाजी के करियर में कई कांस्यरजत  स्वर्ण पदक प्राप्त किये हैं। साथ ही इनको राज्य सरकार अलग-अलग संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।


निखत ज़रीन जन्मपरिवार शुरूआती जीवन


निखत जरीन का जन्म 14 जून 1996 को तेलांगना के निज़ामाबाद के एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिताजी कानाम मुहम्मद जमील और माता का नाम परवीन सुल्ताना है। निखत के पिता भी एक क्रिकेट खिलाडी रह चुके हैं और इनकी माता गृहणीहैं। इनके अलावा इनके परिवार में 3 और बहने भी हैंजिनका नाम अंजुम जरीनमिनाज जरीन और एक बहन निखत से छोटी अफनानज़रीन है वो बैडमिंटन खिलाडी है। और इनकी दोनों बड़ी बहनें डॉक्टर हैं। निखत का शुरुआती जीवन उनके गृहनगर निजामाबादतेलंगाना में ही बीता है। यहीं से इन्होने अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की है।


निखत जरीन की शिक्षा (Nikhat Zareen Education)


निखत ज़रीन,इन्होने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की है और आगे कीशिक्षा निर्मला हृदय गर्ल्स हाईस्कूल निजामाबाद से प्राप्त की और इसके बाद उच्च शिक्षा इन्होने एवी कॉलेज हैदराबाद तेलंगाना से ही की है। इन्होने एवी कॉलेजहैदराबाद तेलंगाना से कला में स्नातक पास किया है। मुक्केबाजी के सफर के चलते इनको दोनों चीजों को संभालना थोड़ा मुश्किल थालेकिन घर वालों और दोस्तों के साथ से इन्होने दोनों चीजें एक साथ संभाली।


निखत जरीन बॉक्सिंग सफर:

निखत के पिता भी एक खिलाडी थे और उनके चाचा के बेटे भी बॉक्सिंग किया करते थे। जिसके वजह से इनके मन में भी बॉक्सिंग मेंरूचि बढ़ती गई और निखत के अब्बू भी चाहते थे की उनके चारों बच्चों में से कोई खेल में हिस्सा ले। और निखत  ज़रीन की रूचि कोदेखकर इनके पिता और चाचा शमशामुद्दीन ने इनको बॉक्सिंग के क्षेत्र में कदम रखवाया। इनके चाचा इनके भाइयों के साथ ही इन्हे भीट्रैनिंग देने लगे। और इनके पिता और चाचा ने हमेशा इनको प्रोत्साहित किया वहीं इनकी माँ को चिंता लगी रहती जिस कारण वो निखतके बॉक्सिंग से डरती थी।


प्रेम संबंध/बॉयफ्रेंड


दोस्तों निखत ज़रीन के बॉयफ्रेंड या  फिर उनके प्रेम संबंध जैसी कोई भी खबर अभी तक सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उपलब्ध नहींहै। और  ही उनके विवाह के बारे में कोई जानकारी है।


वैवाहिक स्थिति

अविवाहित

बॉयफ्रेंड

ज्ञात नही




दोस्तों ये बात बताते हुए बहुत ही ख़ुशी हो रही हैं की,भारत की स्टार बॉक्सर निखत जरीन ने दिल्ली में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंगचैंपियनशिप में लगातार दूसरा गोल्ड मेडल जीत लिया है। वे ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय(Indian)मुक्केबाज बनी हैं। उनसे पहलेमैरीकॉम यह कारनामा कर चुकी हैं। निखत के बाद टोक्यो ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन ने भी गोल्ड जीता।


वे पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। लवलीना भारत की 8वीं वर्ल्ड चैंपियन हैं। यह इस चैंपियनशिप में भारत का चौथा गोल्ड है।लवलीना-निखत से पहले स्वीटी और नीतू ने गोल्ड जीते हैं।

50 KG वेट कैटेगरी में बतौर डिफेंडिंग चैंपियन उतरी 26 साल की निखत ने वियतनाम की दो बार की एशियन चैंपियन गुयेन थी तामको 5-0 से हराया। वहीं, 75 किग्रा कैटेगरी में लवलीना बोरगोहेन ने ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज केटलीन पार्कर को 5-2 से हराया।



दोस्तों ख़ुशी की बात ये भी है की निखत ज़रीन ने जीत के बाद (कहाँ)बोलीं निखतआप मुझे सपोर्ट करते रहोमैं देश का नाम रोशन करती रहूंगी।


'मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर बेहद खुश हूंखासकर एक अलग वेट कैटेगरी में। इस टूर्नामेंट में आज का मुकाबला सबसे कठिनमुकाबला था और चूंकि यह टूर्नामेंट का आखिरी मैच थाइसलिए मैं अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करना चाहती थी और सबकुछ रिंग में छोड़ देना चाहती थी।


यह बाउट का एक रोलर कोस्टर थाजिसमें हम दोनों को चेतावनी के साथ-साथ 8 काउंट भी मिले और यह बहुत करीबी मैच था।अंतिम राउंड में मेरी रणनीति थी कि मैं पूरी ताकत से आक्रमण करूं और जब विजेता के रूप में मेरा हाथ उठातो मुझे बेहद खुशी हुई।यह पदक मेरे देश और उन सभी के लिए हैजिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में हमारा समर्थन और हमारी हौसला अफजाई की है। सभी भारतीयों सेयही कहना चाहूंगीं कि आप मुझे ऐसे ही सपोर्ट करते रहो और मैं ऐसे ही देश का नाम ऊंचा करती रहूंगी।'

ग्राफिक में देखिए निखत जरीन के मेडल...



अब देखिए मैच रिपोर्ट!


कांटे का रहा मुकाबलातेज फुटवर्क से बचाव किया
डिफेंडिंग चैंपियन निखत ज़रीन ने अपनी प्रतिद्वंद्वी पर शुरुआत से ही सटीक मुक्के बरसाए। उन्होंने वियतनामी बॉक्सर के हमलों को चकमा देनेके लिए अपने तेज फुटवर्क का प्रयोग किया और पहली बाउट में दबदबा कायम रखा। तेलंगाना की मुक्केबाज निखत ने पहला राउंड 5-0 जीता।

दूसरे राउंड में गुयेन ने शानदार वापसी की और बाउट को 3-2 से जीतकर मुकाबले को रोमांचक कर दिया। ऐसे में आखिरी राउंड मेंनिखत ने संयम बनाए रखा और एक जबर्दस्त पंच जमाकर सभी जजों को प्रभावित किया। उन्होंने इस बाउट को भी एकतरफा अंदाज में जीता।



एक दिन पहले नीतू और स्वीटी ने गोल्ड जीते थे,
एक दिन पहले नीतू घंघस और स्वीटी बूरा ने भी गोल्ड जीते थे। स्वीटी ने 81 किग्रा वेट कैटेगरी में चीन की वॉन्ग ली को 4-3 से हराया।मैच खत्म होने के बाद उन्हें रिव्यू का नतीजा आने तक नतीजे के लिए इंतजार करना पड़ालेकिन स्वीटी अंत में विजेता रहीं और भारतको दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया।

उनसे पहले हरियाणा की बॉक्सर नीतू ने 48 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीतू ने शनिवार को फाइनल में 2022 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांसेटसेग को हराया। नीतू ने लुत्से खान अल्तांसेटसेग को5-0 से हराकर फाइनल एकतरफा अंदाज में ही जीत लिया।



भारत (India)ने जीता वर्ल्ड चैंपियनशिप में 14वां गोल्ड
निखत के गोल्ड के बाद भारत के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कुल गोल्ड मेडल की संख्या 14 हो गई है। निखत ज़रीन से पहले नीतू और स्वीटी ने गोल्ड जीते थे। छह बार की चैंपियन मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी (2006), लेखा केसी (2006) और निखत जरीन (2022) ने यह कारनामा किया है।

मुझे आशा है आज की इस लेख की मदद से आपको बहुत कुछ सीखने और जानने को मिला होगा अगर यह लेख पसंद आया तो फिर इसे ज़रूर आएँ और अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें।धन्यवाद

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